सिंचाई के लिये पानी पर्याप्त, बुंदेलखंड की बुझेगी प्यास
मध्यप्रदेश का इतिहास बदलने वाला है। बुंदेलखंड की धरती से नया इतिहास लिखा जाने वाला है। बुंदेलखंड की धरा से नया अध्याय शुरू होने वाला है। बुंदेलखंड के लोगों की यहां के किसानों की तकदीर और तस्वीर बदलने वाली है। 25 दिसम्बर को केन-बेतवा लिंक परियोजना के रूप में बुंदेलखंड की प्रगति का एक नया इतिहास लिखा जायेगा। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना केन-बेतवा लिंक परियोजना की सौगात देने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल याने 25 दिसंबर को छतरपुर पहुंचेंगे। और बुंदेलखण्ड की समृद्धि और विकास का नया अध्याय शुरू होगा।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 दिसम्बर को छतरपुर जिले के खजुराहो में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी की नदी जोड़ने की परिकल्पना को साकार करने के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना का भूमिपूजन करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि महाराजा छत्रसाल और आल्हा-ऊदल के शौर्य और बलिदान के लिए यह बुंदेलखंड की धरा जानी जाती है।केन-बेतवा लिंक परियोजना एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय परियोजना है, जिसमें केन नदी पर बांध एवं लिंक नहर का निर्माण किया जाना है।परियोजना बुन्देलखंड क्षेत्र के सामाजिक आर्थिक विकास के लिये केन्द्र सरकार द्वारा 44 हजार 605 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। परियोजना को 8 वर्षों में पूर्ण किया जाना है। परियोजना की कुल लागत में मध्यप्रदेश का हिस्सा लगभग 24 हजार 300 करोड़ रूपये का है। परियोजना के प्रथम चरण एवं द्वितीय चरण से मध्यप्रदेश के बुन्देलखण्ड के 10 जिलों क्रमश छतरपुर, पन्ना, दमोह टीकमगढ़, निवाड़ी, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, सागर एवं विदिशा के कुल 1900 गावों में 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा के साथ-साथ 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा भी प्राप्त होगी। केन बेतवा लिंक परियोजना को अगले 8 सालों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।परियोजना की 10 फीसदी राशि राज्य सरकार को वहन रहने होगी जबकि 90 प्रतिशत राशी केंद्र सरकार देगी।अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयास और प्रधानमंत्री की सौगात से बुंदेलखंड की तस्वीर संवरेगी। समृद्धि की नदियां जुड़ेंगी तो क्षेत्र में विकास की धारा प्रवाहित होगी। यहां के लोगों का और किसानों का जीवन भी खुशहाल होगा।।।
केन-बेतवा लिंक परियोजना एक नजर
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परियोजनाओं से 19 लाख 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी
परियोजना की अनुमानित लागत 44 हजार 605 करोड़
24 हजार 290 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत
मध्यप्रदेश के 10 जिलों के 1,900 गांव होंगे लाभान्वित
1900 ग्रामों में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाईं
41 लाख की आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी
103 मेगावाट विद्युत उत्पादन होगा, एमपी का पूर्ण अधिकार
परियोजना के अंतर्गत बेतवा कछार में बीना कॉम्प्लेक्सकोटा बैराज
अन्य लोअर परियोजनाओं का निर्माण किया जाना प्रस्तावित
परियोजना से मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़
निवाड़ी, दमोह जिलों में माइक्रो इरीगेशन से केन कछार में 4.51 लाख हेक्टेयर
बेतवा कछार के विदिशा, रायसेन, सागर, शिवपुरी, दतिया
जिलों में 2.06 लाख हेक्टेयर में सिंचाई