खालिस्तानी आतंकवाद के तराई कनेक्शन से बढ़ी हलचल

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खीरी में अलर्ट हुईं खुफिया एजेंसियां

खालिस्तानी आतंकवाद का तराई कनेक्शन सामने आने के बाद एक बार फिर लखीमपुर खीरी में हलचल बढ़ गई है। सोमवार सुबह पड़ोसी जिला पीलीभीत के पूरनपुर में पंजाब के रहने वाले तीन खालिस्तानी आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद जिले में खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। पिछले सात-आठ वर्षों में खालिस्तान आतंकवाद के तराई कनेक्शन की बातें सामने आती रही हैं। 

90 के दशक के अंत में जब तराई इलाके से खालिस्तानी आतंकवाद का करीब-करीब सफाई हो गया था। उसके बाद करीब सात साल पहले 18 सितंबर 2017 को यहां दोबारा उसी आतंक की दस्तक हुई थी, जब यूपी एटीएस और पंजाब पुलिस की टीम ने खीरी जिले से प्रतिबंध आतंकी संगठन बब्बर खालसा के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था। यह दोनों हरप्रीत उर्फ टोनी और सतनाम सिंह खीरी जिले के निवासी थे। दरअसल पंजाब की नाभा जेल से 27 नवंबर 2016 को दो आतंकी और चार गैंगस्टर को फरार कराया गया था। इसी मामले में लखीमपुर के हरप्रीत उर्फ टोनी व सतनाम सिंह के खिलाफ पंजाब के जिला भगत सिंह नगर की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इन दोनों पर आरोप था कि इन्होंने जेल से भागने वाले आतंकियों को असलहा और अन्य मदद मुहैया कराई थी। 

आतंकी चौड़ा का भी कनेक्शन 

पुलिस की जांच में यह भी बात सामने आई थी कि यह दोनों लंबे समय से यूपी के तराई इलाके से लेकर पंजाब तक बब्बर खालसा के स्लीपिंग मॉड्यूल के रूप में काम कर रहे थे। हालांकि इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद यहां मामला शांत रहा, लेकिन अभी कुछ दिन पहले ही यहां पंजाब के आतंकवादी नारायण सिंह चौड़ा का कनेक्शन भी सामने आया था। दरअसल पंजाब में आतंकवादी चौड़ा ने पुलिस रिमांड में यह बयान दिया था कि उसने खीरी जिले के नेपाल बॉर्डर से सटे क्षेत्र में हथियार छिपा कर रखे हैं। इसके बाद पंजाब पुलिस द्वारा आतंकवादी चौड़ा को यहां लाए जाने को लेकर दो-तीन दिनों तक काफी हलचल रही थी। अब पीलीभीत में मुठभेड़ में तीन खालिस्तानी आतंकवादियों के मारे जाने के बाद भारत-नेपाल सीमा से सेट क्षेत्र में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।

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