2030 तक सौर ऊर्जा से आधी बिजली बनाएगा एमपी

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अपनी आवश्यकता की आधी बिजली प्राप्त करेगा मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सूर्य ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। सौर ऊर्जा सबसे अच्छी ऊर्जा है। आने वाले वर्ष-2030 तक मध्यप्रदेश अपनी आवश्यकता की बिजली का आधा हिस्सा सौर ऊर्जा से प्राप्त करेगा। सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार का प्रयास उद्योग, धन्धे, कृषि के लिए सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध करवाना है। आगर में बनने वाली सौर ऊर्जा रेल विभाग को दी जाएगी, जिससे 7 राज्यों में रेलगाड़ियाँ संचालित होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को आगर-मालवा जिले के सुसनेर में 3520 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 880 मेगावॉट आगर और नीमच सौर परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इसमें आगर-मालवा जिले की लगभग 2200 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 550 मेगावॉट सौर परियोजना एवं नीमच जिले की 1320 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 330 मेगावॉट सौर परियोजना शामिल है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आगर-मालवा जिले में 49.81 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये संकल्पित है। किसानों को समृद्ध बनाने सम्मान निधि और कृषि सिंचाई विद्युत बिल पर 53 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। किसानों को सिंचाई के लिये सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाया जाएगा इसके लिये 1 लाख सोलर पम्प दिये जाएंगे, जिससे किसान अपनी आवश्यकता की बिजली स्वयं उत्पादित कर सकेंगे। प्रदेश के प्रत्येक किसान के खेत तक पानी पहुंचाने का काम सरकार कर रही है। प्रदेश में सिंचाई का रकबा 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 1 करोड़ हेक्टेयर तक ले जाया जाएगा, मध्यप्रदेश फसल उत्पादन के क्षेत्र में हरियाणा-पंजाब को पीछे छोड़ेगा।

एक लाख सोलर पम्प देकर किसानों को ऊर्जा उत्पादन में बनाया जाएगा आत्म-निर्भर

मुख्यमंत्री ने 3520 करोड़ की 880 मेगावॉट की आगर-नीमच सौर परियोजनाओं का किया लोकार्पण

सुसनेर में 49.81 करोड़ के विकास कार्यों का हुआ लोकार्पण एवं भूमि-पूजन

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