सौरभ शर्मा मामले में उमंग सिंघार ने किया बड़ा खुलासा

देश- विदेश मध्यप्रदेश

एजेंसियों से पूछे कई सवाल, आखिर किसको बचा रहीं हैं जांच एजेंसिया

पूर्व परिवहन मंत्री पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के आरोप  

सिंघार बोले- मंत्री राजपूत के पास 1200 करोड़ की प्रॉपर्टी

आरोप- RTO की वसूली का रैकेट संभालते थे गोविंद सिंह राजपूत

पत्नी-बच्चों और रिश्तेदारों के नाम खरीदी 400 करोड़ की जमीनें

भोपाल। मध्य प्रदेश में इन दिनों पूर्व RTO कांस्टेबल सौरभ शर्मा से जुड़े मामले पर सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस इस मामले में लगातार सरकार के मंत्रियों और लोकायुक्त की जांच पर सवाल उठा रही है। अब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आज भोपाल में प्रेस कांफ्रेंस कर भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले में बड़ा खुलासा किया है। इसमें उन्होंने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर भी गंभीर आऱोप लगाए हैं।

केंद्रीय मंत्री को हर महीने जाते थे दो करोड़- सिंघार 

उमंग सिंघार ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि परिवहन विभाग से एक केंद्रीय मंत्री को हर महीने दो करोड़ रुपए जाता था। उन्होंने कहा कि मोदी जी जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन प्रदेश सरकार सौरभ शर्मा को बचाना चाहती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूर्व आरटीओ कांस्टेबल के घर में मिले दस्तावेजों की बारीकी से जांच होनी चाहिए। सिंघार ने कहा कि सौरभ शर्मा 40 दिन कहां रहा, किसने उसकी मदद की इसकी कोई जानकारी नहीं है। सौरभ शर्मा की कॉल डिटेल अबतक सार्वजनिक नहीं हुई है। कॉल डिटेल सामने आने के बाद कई अधिकारी और नेता बेनकाब होंगे।

गोविंद सिंह राजपूत ने पूरा रैकेट संभाला- सिंघार

नेता प्रतिपक्ष ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इसका पूरा रैकेट राजपूत ने संभाला। दशरथ पटेल और अलीम खान रिटायर्ड होने के बावजूद भ्रष्टाचार करते रहे। संजय ढांडे ने गोविंद सिंह के साथ मिलकर घोटाला किया। सिंघार ने दावा किया कि 1 साल में करीब डेढ़ हजार करोड़ की कमाई होती थी। वहीं हर महीने डेढ़ सौ करोड़ की कमाई की जाती थी।

सिंघार ने आरोप लगाते हुए कहा कि गोविंद सिंह राजपूत ने 2019 से 2024 के बीच में अपनी पत्नी और बच्चों के नाम 400 करोड़ की कई जमीनें खरीदी है। 200 करोड़ की अपने सास और रिश्तदारों के नाम जमीनें ख़रीदी। गोविंद राजपूत ने 2023 में 134 करोड़ की संपत्ति का ब्यौरा शपथ पत्र में नहीं दिया है। सिंघार ने प्रेस कांफ्रेस के दौरान बताया कि गोविंद सिंह राजपूत ने दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में जमीनें खरीदी है। एक ही बिल्डिंग में कई ख़ास और बिजनेस पार्टनर ने जमीन की खरीद फरोख्त की है।

सिंघार ने दावा किया कि एक समिति बनाई गई है,जिसमें गोविंद सिंह ने पत्नी और बेटे को रखा है। समिति को जमीन दान करवाई गई। जो जमीन दान की गई, वो भी गोविंद सिंह राजपूत के रिश्तेदारों की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सहारा की जमीन कमेश बघेल के नाम कम कीमत में खरीदी गई। दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में इन सभी ने संपत्ति खरीदा। उमंग सिंघार ने खरीदी संपत्ति की दस्तावेज की रजिस्ट्री भी दिखाई।

उमंग सिंघार ने कहा कि 19 दिसम्बर 2024 को सौरभ शर्मा के निवास पर लोकायुक्त छापे के 41 दिनों के बाद 28 जनवरी 2025 को उसकी कथित गिरफ्तारी हुई। इन 41 दिनों में सौरभ शर्मा कहाँ-कहाँ रहा? देश या प्रदेश में कौन-कौन उसे शरण दे रहा था? उसके रहने-खाने की व्यवस्था कौन कर रहा था? आज तक जांच एजेन्सी को नहीं पता? जानकारी मिली कि इस दौरान राजधानी भोपाल के मुख्यमंत्री निवास के आस-पास श्यामला हिल्स क्षेत्र में स्थित एक होटल में प्रदेश के एक मंत्री के द्वारा उसके रुकने की व्यवस्था कराई गई थी! (ट्वीट-अरूण यादव जी) ये मंत्री कौन है? इनका सौरभ शर्मा से क्या संबंध है? ये जांच एजेंसी अभी तक पता नहीं लगा सकीं?

सौरभ शर्मा की इस दौरान पोस्टिंग कौन-कौन से चेकपोस्ट पर रही?

परिवहन विभाग में इस अवधि में एक रैकेट कार्य कर रहा था, जिसमें सभी के काम बंटे हुए थे। संजय श्रीवास्तव (एडवोकेट), दशरथ पटेल (परिवहन अधिकारी, 2022 में रिटायर), अलीम खान (परिवहन अधिकारी, (2023 में व्हीआरएस ले लिया), बीरेश तुमराम (परिवहन अधिकारी) ये लोग चेकपोस्टों को ठेके पर देने तथा ठेकेदार की मांग?

मंत्री गोविन्द राजपूत ने स्वयं, पत्नी सविता सिंह, पुत्र आकाश सिंह, पुत्र आदित्य सिंह के नाम पर सागर शहर में तिलीमाफी, बशियाभान्सा, कनेरादेव, भापेल, किर्रावदा, मारा इमलिया, पथरिया जाट तथा मेनपनी के साथ ही सागर से लगे हुए जैसीनगर, झिला, नरयावली, खुरई, भिलैया एवं जेरई में 150 एकड़ से भी अधिक भूमि स्वयं, पत्नी एवं पुत्रों के नाम पर क्रय की गई जो कि रिकार्ड में दर्ज है। इन जमीनों का वास्तविक बाजार मूल्य 400 करोड़ से अधिक है।

इसके अतिरिक्त मंत्री गोविन्द राजपूत ने अपनी सास, अपने साले एवं साले की पत्नी, अपन भाईयों एवं उनके परिवार, रिश्तेदारों के नाम से भापेल, लुहारी, दमोह जिले में देवरानवांसा, पथरिया में सैकड़ों एकड़ जमीने खरीदी हैं। इनका बाजार मूल्य 200 करोड़ है।

इनमें से कई जमीनों को सिंचित से असिंचित कराया गया। जिससे जमीनों का मूल्यांकन कम दिखाया गया जिस कारण शासन के लाखों रूपये स्टाम्प ड्यूटी की राशि चोरी की गई।

मंत्री गोविन्द राजपूत द्वारा वर्ष 2023 के घोषणा पत्र में 53.86 हेक्टेयर (134.65 एकड़) संपत्तियां घोषित नहीं की गई।

मंत्री गोविन्द राजपूत ने भ्रष्टाचार की काली कमाई को खपाने के लिए एक फर्जी समिति बनाई जिसका नाम ज्ञानवीर सेवा समिति है।

इस समिति में गोविंद राजपूत की पत्नी सविता सिंह को अध्यक्ष एवं पुत्र आकाश सिंह को सचिव बनाया गया।

इस समिति के माध्यम से सैकड़ों एकड़ बेशकीमती जमीने खरीदी गई। इनकी भी रजिस्ट्री, खसरे मेरे पास हैं। कई जमीनों को रिश्तेदारों के नाम से खरीदकर समिति को दान कराई गई। दान की गई जमीनों के दान।

सौरभ शर्मा और उसके साथी और करोड़ों की खरीदी

नरेन्द्र भदौरिया, परिवहन आरक्षक, शिवपुरी चेकपॉइंट-1. गौरव पाराशर, परिवहन आरक्षक शिवपुरी चेकपॉइंट-1. हेमंत जाटव, परिवहन आरक्षक, शिवपुरी चेकपॉइंट-2. धनंजय चौबे, परिवहन आरक्षक शिवपुरी चेकपॉइंट-1, ये चारों परिवहन आरक्षक चेकपोस्टों का ठेका लेते थे। इनकी अभी तक कोई जांच या पूछताछ क्यों नहीं की गई? इनके मोबाईल नम्बर से कॉल डिटेल्स और इनसे संबंधित सम्पर्क की जानकारी क्यों नहीं ली गई? चेकपोस्ट के सीसीटीव्ही फुटेज की अभी तक जांच क्यों नहीं की गई ?

उमंग सिंघार के आरोप पर बीजेपी का पलटवार

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के आरोप पर बीजेपी  ने पलटवार किया है। प्रदेश बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने बयान देते हुए कहा कि कूटरचित दस्तवेज पेश कर गोविंद राजपूत पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।

अगर सही सबूत है, तो जांच एजेंसी को देने चाहिए, कोर्ट भी जाना चाहिए। सस्ती लोकप्रियता के लिए ये सब आरोप लगाए जा रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि कमलेश बघेल कांग्रेसी है, उनपर भी आरोप लगाया जा रहा है।

बीजेपी मीडिया प्रभारी ने कहा कि उमंग सिंघार खुद आरोपों में घिरे हैं। झारखंड में उमंग सिंघार पर टिकट बेचने का आरोप लगा था। उन पर कई महिलाओं ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। एक महिला ने तो उनके घर पर सुसाइड किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *