विधानसभा में ‘जन विश्वास विधेयक’ पास
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन जन विश्वास संशोधन विधेयक पारित हो गया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार के बाद मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बना है जहां जन विश्वास विधेयक पारित हुआ। सरकार का यह प्रयास राज्य में शासन और विकास का एक नया मॉडल पेश करेगा, जिससे हर वर्ग को लाभ होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मानना है कि इससे न केवल शासन में पारदर्शिता आएगी, बल्कि मध्यप्रदेश में निवेश और रोजगार के अवसरों में भी तेजी से बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिए राज्य में विकास और सुशासन के नए अध्याय की शुरुआत होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य में कई सुधार पहले ही लागू किए जा चुके हैं। सरकार ने 920 पुराने और अतार्किक हो चुके कानूनों को खत्म किया है, जिससे कानूनी प्रक्रिया सरल और तेज हुई है। स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे युवाओं और महिलाओं के स्टार्ट-अप में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मानना है कि यह विधेयक न केवल एक कानूनी बदलाव है, बल्कि जनता और सरकार के बीच भरोसे का एक मजबूत पुल है। जब कानून सरल होंगे और अनुपालन में कठिनाई नहीं होगी, तो निवेश भी बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह पहल मध्यप्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है। सरकार का यह प्रयास राज्य में शासन और विकास का एक नया मॉडल पेश करेगा, जिससे हर वर्ग को लाभ होगा।।।। जन विश्वास संशोधन विधेयक क्या है ? यदि इसकी बात करें तो जन विश्वास संशोधन विधेयक के तहत, सात विभागों जैसे नगरीय प्रशासन, ऊर्जा, सहकारिता, श्रम आदि में जुर्माने को पेनल्टी में बदलने का प्रावधान किया गया है। इससे पहले इन मामूली मामलों को कोर्ट में प्रस्तुत किया जाता था, लेकिन अब अधिकारी मौके पर ही इनका समाधान कर सकेंगे, जिससे कोर्ट में मुकदमों की संख्या घटेगी। जन विश्वास संशोधन विधेयक व्यापार में सुगमता एवं जनसामान्य के जीवन को आसान बनाने की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार का अभूतपूर्व कदम माना जा रहा है।।। यह नागरिकों और उद्यमियों के लिए सरकार के विश्वास और सहयोग का प्रतीक है। मध्यप्रदेश जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक-2024, मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शिता और सुशासन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पहल विकास और सुशासन के नये आयाम स्थापित करेगी।
‘जन विश्वास विधेयक’ के प्रमुख संशोधन
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- विधेयक में राज्य के 5 विभागों
- औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, ऊर्जा, सहकारिता, श्रम
- नगरीय विकास-आवास के 8 अधिनियमों में 64 धाराओं में संशोधन
- कारावास को जुर्माने में बदलने, दंड को शास्ति में परिवर्तित करने
- कंपाउंडिंग (शमन) प्रावधान जोड़ने जैसे सुधार शामिल हैं
- अप्रचलित कानूनों का उन्मूलन: 920 अप्रचलित अधिनियम समाप्त किए गए
- व्यावसायिक क्षेत्र में काम आसान एवं त्वरित गति से होंगे
- महिला नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप में 157% और कुल स्टार्ट-अप में 125% वृद्धि
- GIS आधारित भूमि आवंटन प्रणाली और संपदा 2.0 जैसी पहलों से प्रक्रिया सुगम
- विधेयक में राज्य के 05 विभागों के 08 अधिनियमों में 64 उपबंधों में संशोधन
- छोटे अपराधों का गैर-अपराधीकरण होने से न्यायपालिका का भार कम होगा
- अनुपातिक और प्रभावी दंड व्यवस्था लागू होगी
- अनुपालन प्रक्रिया को सरल होने से व्यवसाय-अनुकूल वातावरण बनेगा
- बिल के जरिए प्रदेश में विभिन्न मामलों में जनता को राहत मिलने की उम्मीद
- कोर्ट के मामलों में कमी आएगी, कई मामूली मामलों का समाधान मौके पर होगा
- केंद्र सरकार के जन विश्वास अधिनियम, 2023 से यह विधेयक प्रेरित
- राष्ट्रीय स्तर पर 42 केंद्रीय अधिनियमों में 183 प्रावधानों को अपराध-मुक्त किया
- छोटे अपराधों को गैर-अपराधीकरण करते हुए, दंड प्रणाली को तर्कसंगत बनाया
- नागरिकों व उद्यमियों के लिए नियामकीय बाधाओं को दूर किया
- जन विश्वास संशोधन विधेयक के तहत जुर्माने को पेनल्टी में बदलने का प्रावधान
- 7 विभागों जैसे नगरीय प्रशासन, ऊर्जा, सहकारिता, श्रम आदि में किया गया है प्रावधान
- अधिकारी मौके पर ही समाधान कर सकेंगे, जिससे कोर्ट में मुकदमों की संख्या घटेगी